Tuesday, February 7, 2012
हमें नए कानूनों की जरूरत नहीं है. जरूरत है तो ऐसे लोगों की जो पहले से ही मौजूद कानूनों पर अमल सुनिश्चित कर सकें. आज हमारी सारी संस्थाएं और प्रक्रियाएं जर्जर हो रही हैं. हमने उन मूल्यों और दूरदृष्टि के साथ ही समझौता कर लिया है जिन्हें ध्यान में रखकर इन संस्थाओं की नींव रखी गई थी. अब हर संकट की घड़ी में क्षत बचाने के लिए हम साहस के चंदेक व्यक्तिगत उदाहरणों पर ज्यादा निर्भर रहते हैं. हमें ये याद रखना होगा कि महान व्यवस्थाएं और समाज ऐसे प्रेरणादायीकार्यों की एक समूची श्रंखला से बनते हैं जिनकी सोच निजी स्वार्थ के परे हो. अपने ऊपर से प्रेरणा पाकर लोग अपना सर्वोत्तम करने का प्रयास करते हैं. चारों तरफ नजर दौड़ाइए. कितने कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर ऐसे होंगे जो उन भ्रष्ट लोगों के लिए अपनी जान दांव पर लगाएंगे जिनकी सेवा में वे तैनात रहते हैं.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment